शंकित मन

उनके तिरुपति और अजमेर की
त्वरित यात्राओं को देखकर     
होने लगा है विश्वास  
...कि वहीं मिलते होंगे  आज्ञापत्र
हत्या, अपहरण और घोटालों के
तभी तो
हर आरोपमुक्ति के बाद
पुर्नदर्शनार्थ जाते हैं

...कि काले धन के चढ़ावों के बदले
होते होंगे नवीनीकरण
उन आज्ञापत्रों  के
तभी  तो
उनकी वापसी पर
लोग और आशंकित होते हैं  

2 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

कि काले धन के चढ़ावों के बदले
होते होंगे नवीनीकरण
उनके अधिकारपत्रों के
तभी तो उनके वापसी पर
लोग और आतंकित होते हैं
बहुत गहरे भाव और आज की व्यवस्था पर चोट शुभकामनायें

musafir baitha ने कहा…

aapne choti chhoti panktiyon ke jariye samaj mein antarhit vividh avyavsthaon-antarvirodhon-andekhi rah gyi jroori baaton pr prabhavi tareeke se apni baat rkhne ki koshish ki hai.शंकित मन to khair kafi gahre chot aur chintn ki kvita hai.
sadak pr:kuchh drishya & itihas shirshk kvitayen bhi kafi prabhavit krne wali hain. aap likhte rhen,abhivykti samriddh aur behtr hoti jayengi.