जयन्ती

इष्टदेव का जन्म दिवस !
मुर्ति को धो-पोंछ
दूध चंदन का लेप लगा
अनुयायी हुए एकत्र
कुछ मुस्काते !
कुछ कोसते-गरियाते !
इष्टदेव को तिलक कर
पुष्प-माल पहिराये
गर्वित निज-धर्म पर
अवसरवादी चिल्लाए
"होगी जय हमारी !"

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