प्रिय,
तुम्हारी अनुगामिनी
अब नहीं चलेगी
पद-चिह्नों पर तेरे
फिसलन है
कैसे संभालोगे
गिरुंगी जब
तुम्हारी तरह
तुम तो बचा ही लोगे
अपना पुरुषत्व
उठेंगे सवाल हमीं पे
इस बार भी
तुम्हारी अनुगामिनी
अब नहीं चलेगी
पद-चिह्नों पर तेरे
फिसलन है
कैसे संभालोगे
गिरुंगी जब
तुम्हारी तरह
तुम तो बचा ही लोगे
अपना पुरुषत्व
उठेंगे सवाल हमीं पे
इस बार भी
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