उनकी भूख बढ गई है
पंजे और भी तेज हुए हैं
दाँते और नुकीली
आँखों की चमक
गहरी हो गई है
हल्के पदचाप
कान खङे
लार टपकाते
हवाओं में
शिकार की
गंध के पीछे
बढते आ रहे हैं वे
पंजे और भी तेज हुए हैं
दाँते और नुकीली
आँखों की चमक
गहरी हो गई है
हल्के पदचाप
कान खङे
लार टपकाते
हवाओं में
शिकार की
गंध के पीछे
बढते आ रहे हैं वे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें