सामने टंगा कैलेंडर
फड़फड़ा उठता है
और मैं...
आँख फाड़े
उसे घूर रहा हूँ
घूरता जा रहा हूँ
दिख जाते हैं
तिथियों में कैद
हमारे लोग
हमारी मान्यताएं
महसूस करता हूँ
उनकी जकड़न !
उनकी चीख !
बचकर निकलना चाहता हूँ
सबकुछ भूलना चाहता हूँ
मुड़ भी जाता हूँ
पर तभी...
कैलेंडर और तेजी से
फड़फड़ाने लगता है
फड़फड़ा उठता है
और मैं...
आँख फाड़े
उसे घूर रहा हूँ
घूरता जा रहा हूँ
दिख जाते हैं
तिथियों में कैद
हमारे लोग
हमारी मान्यताएं
महसूस करता हूँ
उनकी जकड़न !
उनकी चीख !
बचकर निकलना चाहता हूँ
सबकुछ भूलना चाहता हूँ
मुड़ भी जाता हूँ
पर तभी...
कैलेंडर और तेजी से
फड़फड़ाने लगता है
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