घेरे के भीतर

जेड श्रेणी के
सुरक्षा घेरे से
आवाज गूंजती है–
अब देश
सशक्त हाथों में है
और भी सुरक्षित
खुली सड़कें
निरापद हैं
जनता सुनती है...

घेरे के भीतर
फुसफुसाहट होती है-
आगे खतरा है
राजपथ पर
आवाज कांपती है–
वापस चलो, जल्दी !
घेरा सिमट जाता है
जनता देखती है...

कोई टिप्पणी नहीं: