उसने देखा...
शहर अंधा हो चुका था
और
तेजी से बढा आ रहा था
वह कभी भी
उसकी जद में आ सकता था
शहर..!
शरीर बढा रहा था
नेह-नाते निगल रहा था
धुंध पैदा कर
खुद को छुपा रहा था
तभी उसने देखा
वे सारे उपकरण
उसके इर्द-गिर्द मौजूद थे
जिनका उपयोग कर
शहर अंधा होकर भी
तेजी से
बढता आ रहा था
उसने भी उन्हें संभाला
और,
ठीक-ठीक इस्तेमाल किया
शहर अंधा हो चुका था
और
तेजी से बढा आ रहा था
वह कभी भी
उसकी जद में आ सकता था
शहर..!
शरीर बढा रहा था
नेह-नाते निगल रहा था
धुंध पैदा कर
खुद को छुपा रहा था
तभी उसने देखा
वे सारे उपकरण
उसके इर्द-गिर्द मौजूद थे
जिनका उपयोग कर
शहर अंधा होकर भी
तेजी से
बढता आ रहा था
उसने भी उन्हें संभाला
और,
ठीक-ठीक इस्तेमाल किया
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