अबकी मेले में देखा
कई औरतें
नंगी हुई जाती थीं
दुनिया के सामने
चेहरे पर बेहयाई पोते...
परदा गिरते ही पर
भागती थीं जो आप से आप
हांए-हांए बिलखते
नवजातों को चिमटाए
एक झटके में ही छाती खोलतीं
उनकी धुकधुकी को
खुद में समेट
फिर-फिर
बिसूरकर रोती!
अबकी मेले में देखा..!
कई औरतें
नंगी हुई जाती थीं
दुनिया के सामने
चेहरे पर बेहयाई पोते...
परदा गिरते ही पर
भागती थीं जो आप से आप
हांए-हांए बिलखते
नवजातों को चिमटाए
एक झटके में ही छाती खोलतीं
उनकी धुकधुकी को
खुद में समेट
फिर-फिर
बिसूरकर रोती!
अबकी मेले में देखा..!
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