राजनीति

उसे पलायन करने से रोको
खाली दिमाग मत रहने दो
कुछ मुद्दे दो, कुछ वादे दो

वापस बुलाओ
जातिवाद तक जाने दो
अधिक खुले तो
क्षेत्रवाद पर रोको
आगे बढ न पाये
धर्म को सामने रख दो
इतने पर भी उदार बने
देशभक्ति में आकंठ डूबा दो

उसके बाद भी अगर..!
क्या बेतुका सवाल है?
फिर हम हैं
हमारा कानून है

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