अपने ही बोझ से लदा
वह घर लौटता है
थोड़े पैसे और
ज्यादा पसीने के साथ
गली के कुत्ते
करते हैं तसदीक
एक भद्दी गाली..!
फिर से सबकुछ शांत !
बिस्तर में कुनमुनाते बच्चे
नींद में ही कर रहे शिकायत
पत्नी की आँखों में है
उसके देर रात
बाहर रहने का गम
या घर लौटने की खुशी
जानने की इच्छा भी नहीं होती
दूसरी इच्छाओं की तरह
वह घर लौटता है
थोड़े पैसे और
ज्यादा पसीने के साथ
गली के कुत्ते
करते हैं तसदीक
एक भद्दी गाली..!
फिर से सबकुछ शांत !
बिस्तर में कुनमुनाते बच्चे
नींद में ही कर रहे शिकायत
पत्नी की आँखों में है
उसके देर रात
बाहर रहने का गम
या घर लौटने की खुशी
जानने की इच्छा भी नहीं होती
दूसरी इच्छाओं की तरह
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