तुम्हारा ईश्वर

तुम्हारे शपथ में
कौन ईश्वर होता है ?

वह..!
जो षड्यंत्रों, घोटालों में
तुम्हारा साथ देता है
या वह..!
जो गरीबी, ज़हालत में
हमारे साथ होता है

हम डगमगाते हैं
हमारी आस्था भी
तुम डगमगाते नहीं
तुम्हारी आस्था भी...

जरा हमें भी बताओ
तुम्हारा ईश्वर कहाँ रहता है ?

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