अक्षरछाया की शुरुआत

आज 14 सितंबर को इसकी शुरुआत को लेकर मैं काफ़ी रोमांचित और उत्साहित हूं. मुझे पता है कि मैं हिंदी साहित्य को समझने की एक मामूली कोशिश कर रहा हूं. इसके माध्यम से मैं हिंदी के गणमान्य सर्जकों और सेवियों से संपर्क स्थापित करना चाहता हूं. उनके आशीर्वाद और स्नेह से मैं मंजिल की ओर बढूंगा,ऐसा मुझे विश्वास है.

2 टिप्‍पणियां:

योगेंद्र कृष्णा Yogendra Krishna ने कहा…

इस शुरुआत के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं…

DHARMENDRA KUMAR ने कहा…

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