शंकित मन

उनके तिरुपति और अजमेर की
त्वरित यात्राओं को देखकर     
होने लगा है विश्वास  
...कि वहीं मिलते होंगे  आज्ञापत्र
हत्या, अपहरण और घोटालों के
तभी तो
हर आरोपमुक्ति के बाद
पुर्नदर्शनार्थ जाते हैं

...कि काले धन के चढ़ावों के बदले
होते होंगे नवीनीकरण
उन आज्ञापत्रों  के
तभी  तो
उनकी वापसी पर
लोग और आशंकित होते हैं